khamoshi या aawazein
मेरा आसमा मिल गया है
पर छू नही सकती
पानी के बुलबुले हैं
dar है खो जाएँगे
मेरा आसमा ही मेरा पासवा हाई
पर ऊँचा बहुत है
और मेरी सीमाये छोटी
जब उचाई पा नही सकती
तो खुद से तकसीम कर देती हूँ
फिर दर्द की इन्तहा बढ़ती जाती है
जो पलको तले सील हो जाती है
सीपिया खुली है…………..
बूँदें भी हैं, अनगिनत हैं
पर मोती नही बनते !!!
ख्वाब हकीकत नही बनते ,वैसे ही
जैसे आंसू से जख्म नही सिलते…………..
जैसे, खामोशी से आवाजें नही मिटती!!!!!!!
पर छू नही सकती
पानी के बुलबुले हैं
dar है खो जाएँगे
मेरा आसमा ही मेरा पासवा हाई
पर ऊँचा बहुत है
और मेरी सीमाये छोटी
जब उचाई पा नही सकती
तो खुद से तकसीम कर देती हूँ
फिर दर्द की इन्तहा बढ़ती जाती है
जो पलको तले सील हो जाती है
सीपिया खुली है…………..
बूँदें भी हैं, अनगिनत हैं
पर मोती नही बनते !!!
ख्वाब हकीकत नही बनते ,वैसे ही
जैसे आंसू से जख्म नही सिलते…………..
जैसे, खामोशी से आवाजें नही मिटती!!!!!!!
3 Comments:
you have expressed your beautiful feelings in the beautiful words with melody.keep it ,it is your good jewelry.
sunil singh
wah wah...kya baat hai...aur kitna dard hai....
wah wah...kya baat hai...aur kitna dard hai....
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